Rebbit and tortoise story in hindi , Kachua aur Kharghosh ki kahani
Kachua aur Kharghosh ki kahani

कछुआ और खरगोश की कहानी | Rabbit and Tortoise Story In Hindi -

बहुत समय पहले की बात है एक बहुत ही खूबसूरत जंगल था | जंगल में सभी जानवर बहुत ही हंसी -खुशी रहते  थे और दिन भर मौज मस्ती करते थे | उस जंगल में एक खरगोश और एक कछुआ भी रहते थे  उन दोनों में अच्छी दोस्ती थी | खरगोश बहुत तेज दौड़ता था और कछुआ बहुत ही धीमी  चाल से चलता था |  खरगोश को अपनी तेज चाल  का बहुत घमण्ड था और वह हमेशा ही कछुआ का मजाक उड़ाया करता था | कछुआ भी खरगोश की बात का बुरा नहीं मानता था |
एक बार की बात है, खरगोश अपने मित्र कछुआ से बोला- ''मित्र, क्या तुम मेरे सांथ दौड़ प्रतियोगिता में भाग लेना  चाहोगे |''
कछुआ बोला- ' मित्र खरगोश जैसी तुम्हारी मर्जी, अगर तुम दौड़ प्रतियोगिता करना चाहते हो तो ठीक है मुझे कोई आपत्ति नहीं है  | ''
जंगल के जानवरों ने बड़े जोर-शोर से दौड़ प्रतियोगिता की तैयारियां शुरू कर दी | खरगोश  और कछुआ की दौड़ प्रतियोगिता शुरू होने वाली थी | जंगल के सभी जानवर प्रतियोगिता देखने के लिये आ गए | दौड़ के लिये  एक पहाड़ी पर जाना था जो पहले पहाड़ी पर पहुचेगा वही जीतेगा | जंगल के सभी जानवर जानते थे की खरगोश तेज दौड़ता है उन्हें उम्मीद थी कि खरगोश ही यह दौड़ जीतेगा |

दौड़ प्रारम्भ की गई | खरगोश शुरू से ही तेज दौड़ने लगा और कुछ ही देर में वह कछुआ से बहुत आगे निकल गया | खरगोश एक छायादार पेड़ के नीचे पहुंचा और  पीछे मुड़कर देखा तो उसे कछुआ कहीं नहीं दिखा | ठंडी-ठंडी हवा चल रही थी खरगोश ने सोचा कछुआ तो अभी बहुत दूर है क्यूँ ना थोड़ी देर इस पेड़ की छाया में आराम कर लूँ ?
 

Kachua aur Khargosh ki kahani -

 
कछुआ और खरगोश की कहानी, Kachua aur Kharghosh ki kahani  -
 कछुआ और खरगोश की कहानी


खरगोश ने जैसे ही आखें बंद की उसे नींद लग गई | कुछ देर में कछुआ भी वहीँ पहुँच गया और वह खरगोश को देखकर आगे बढ़ गया | बहुत देर बाद अचानक खरगोश की नींद खुली उसने आगे-पीछे देखा उसे खरगोश कहीं  दिखलाई नहीं दिया  |  कुछ देर बाद उसने देखा कि  कछुआ पहाड़ी पर पहुँचने वाला है | खरगोश अपनी पूरी शक्ति लगाकर दौड़ा परन्तु उसके पहाड़ी पर पहुँचने के पहले ही कछुआ पहाड़ी पर पहुँच चुका था और कछुआ ने यह दौड़ जीत ली |
खरगोश अपनी गलती और अभिमान पर बहुत  पछताया और उसने कछुआ की हंसी उड़ाने  पर कछुआ से माफ़ी भी मांगी |

शिक्षा- '' कछुआ और खरगोश की कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि हमें कभी भी अपने गुणों पर अभिमान नहीं करना चाहिये |''

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