gadhe aur bakre ki kahani in hindi, bakra aur gadha
Gadha aur Bakre ki Kahani 

गधा और बकरे की हिंदी  कहानी  | Donkey and Goat |Short story for kids in hindi

एक छोटा व्यापारी था उसने एक बकरा और एक गधा पाल रखा था | वह जब भी बाजार सामान बेचने जाता था तब अपना सामान गधे पर लाद कर ले जाता था चूंकि गधा  उसके व्यापार का में उसके बड़े काम आता था इसीलिये वह गधे को अच्छा-अच्छा भोजन करवाता था और उस पर विशेष ध्यान देता था  | फलस्वरूप गधा अच्छा-अच्छा खाना खा कर  हट्टा -कट्टा हो गया | यह सब देखकर बकरे को गधे से ईर्ष्या होने लगी | बकरा सोचने लगा की गधे को  मालिक की नजरों से कैसे नीचा  दिखलाया जाये | एक दिन गधा और बकरा अकेले थे |
 बकरा गधे के पास जाकर बोला-'' गधा भाई , मालिक का तुम्हारे सांथ व्यवहार बहुत बुरा है , दिन भर तुम्हारे ऊपर सामान रखकर घसीटता रहता है , तुम्हे फुर्सत से एक पल भी नहीं रहने देता, गुलाम बना कर रखा है और मुझे देखो मैं आजाद हूँ जिधर जाना चाहता हूँ जाता हूँ   , मालिक को तुम्हारे सांथ इतना गन्दा व्यवहार नहीं करना चाहिये |''
बकरे के बातें गधे के मन मैं बैठ गईं | गधा बोला-'' भाई , तुम सही बोल रहे हो , यह बात तो मुझे भी बहुत बुरी लगती  है , लेकिन मैं इसमें कुछ कर भी नहीं सकता |''
गधे की बात सुनकर बकरा मन ही मन बहुत खुश हुआ और गधे को  किसी गड्ढे में गिरने और चोट का बहाना बनाकर कुछ दिन आराम करने की सलाह दी |  गधे ने बकरे की बात मानी और जानबूझ कर गड्ढे में गिर गया परन्तु गड्ढे में गिरने से गधे को ज्यादा चोट लग गई और अब उससे चलते भी नहीं बन रहा था |
अब व्यापारी का काम प्रभावित होने लगा उसके पास  नया गधा खरीदने के लिये  पैसे भी नहीं थे | अब उसने गधे  का काम बकरे से लेना शुरू कर दिया |वह प्रतिदिन बकरे पर माल लाद कर बाजार ले जाता और शाम को ही  लौट  कर आता | अब बकरे को समझ आ गया की गलत राय किसी को नहीं देना चाहिये नहीं तो कई बार राय  देने वाले को ही नुकसान उठाना पड़ता है |

शिक्षा- " गधे और बकरे के कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि कभी किसी को गलत सलाह नहीं देना चाहिये दूसरे का बुरा सोचने वाले का कभी भला नहीं हो सकता |"