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हाथी और चींटी की कहानी |
हाथी और चींटी की कहानी | Elephant and Ant Story in Hindi -
हाथी जंगल का सबसे बड़ा जीव है और चींटी जंगल का सबसे छोटा जीव । इसी कारण बच्चे इनकी कहानियों के बारे में जानना और सुनना पसंद करते है । हाथी और चींटी से जुड़ी बहुत सी कहानियां हमारे देश में प्रचलित हैं ।हाथी और चींटी से संबंधित बहुत कुछ कहानियां इस प्रकार हैं -हाथी और साहसी चींटी | Hathi aur Chinti ki Kahani -
एक समय की बात है एक जंगल में एक हाथी और उसका परिवार रहता था। हाथी के परिवार में उसका बच्चा और उसके माता-पिता रहते थे। पास में ही चीटियों की बांबी थी जिसमें बहुत सारी चीटियां रहती थी । हाथी के बच्चे की दोस्ती एक चींटी से थी।
वे दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे और हमेशा साथ में खेला करते थे किंतु हाथी को उनकी दोस्ती पसंद नहीं थी। हाथी कहता था कि यह चीटियां बहुत छोटी है और हम से दोस्ती करने लायक नहीं है। हाथी के बच्चे ने चींटी से मिलना जुलना कम कर दिया।
चींटी ने हाथी के बच्चे से पूछा - " मित्र ! तुम मेरे साथ खेलने क्यों नहीं आ रहे हो। "
हाथी का बच्चा बोला- " मेरे पिताजी मुझे खेलने के लिए मना करते हैं इसलिए मैं तुम्हारे साथ खेलने नहीं आ पा रहा हूं। "
एक दिन हाथी का बच्चा और चीटी छुपकर खेल रहे थे तभी कहीं से एक शेर आ गया। हाथी के बच्चे को देखकर शेर ने सोचा की हाथी के बच्चे का शिकार कर लिया जाए।शेर को देखकर हाथी का बच्चा डर गया।
हाथी के बच्चे को डरा हुआ देखकर चींटी बोली - " मित्र तुम डरो नहीं मैं शेर का सामना करूंगी। "
चींटी जैसे छोटे से जीव के मुंह से इस तरह के साहसी शब्दों को सुनकर हाथी के बच्चे में भी जोश आ गया और वह भी शेर का मुकाबला करने के लिए तैयार हो गया।
चींटी जैसे छोटे से जीव के मुंह से इस तरह के साहसी शब्दों को सुनकर हाथी के बच्चे में भी जोश आ गया और वह भी शेर का मुकाबला करने के लिए तैयार हो गया।
जैसे ही शेर ने हाथी के बच्चे पर हमला किया हाथी के बच्चे ने भी अपने बचाव में शेर पर हमला कर दिया । वहीँ छोटी सी चींटी शेर के कान में घुस गई और उसे कान में काटने लगी । दो तरफा हमले से शेर घबरा गया और वहां से भाग गया।
जैसे ही यह खबर हाथी के बच्चे के माता-पिता को लगी वह तुरंत ही वहां आ गए उन्होंने हाथी के बच्चे से पूरी घटना की जानकारी ली । हाथी के बच्चे ने बताया कि किस तरह चींटी के साहस को देख कर उसे भी जोश आ गया और चींटी और उसने मिलकर शेर को वहां से भगा दिया।
हाथी के माता पिता को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्हें समझ में आ गया कि कोई भी जीव छोटा बड़ा नहीं होता। इसके बाद उन्होंने कभी भी अपने बच्चे को चींटी के साथ खेलने से मना नहीं किया ।
शिक्षा - "इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि छोटे और बड़े होने से ज्यादा फर्क नहीं पढ़ता पढ़ता । साहस होने पर छोटे से छोटा जीव भी बड़े से बड़े जीव को हरा सकता है।"
घमण्डी हाथी और चींटी की कहानी | Hathi aur Chinti ki Kahani -
एक जंगल में एक हाथी रहता था उसे अपनी ताकत का बहुत घमंड था। वह आने-जाने वाले हर जीव को परेशान करता था । उसकी इन हरकतों से जंगल के सभी जानवर बहुत परेशान थे।
एक दिन हाथी बिना किसी कारण के चिड़िया के घोसले को तोड़ दिया । हाथी की इस हरकत से जंगल के सभी पक्षी उससे बहुत अधिक नाराज हुए।
कुछ दिनों बाद हाथी ने खरगोश के बिल को अपने पैर से दबाकर रौंद डाला । कुछ दिनों बाद उसी हाथी ने कुछ हिरणों को पटक-पटक के मारा जिससे वह बुरी तरह से घायल हो गए।
हाथी की इन हरकतों से जंगल के सारे जानवर उससे बदला लेना चाहते थे । एक दिन हाथी पेड़ की छाया में आराम कर रहा था । वही कुछ चींटियाँ भी रहती थी तभी अचानक जोरदार बारिश होने लगी । पानी से बचने के लिए हाथी पास की ही गुफा में चला गया । चीटियां भी पानी से बचने के लिए गुफा में चली गई।
चीटियों को गुफा में आया हुआ देखकर हाथी नाराज हो गया और कहने लगा - " अरे तुम जैसी छोटी चीटियां मेरे पीछे-पीछे गुफा में आ गई हो । क्या तुम्हें अपनी औकात नहीं पता । मैं चाहूं तो तुम्हें इसी वक्त मसल कर तुम्हें मार सकता हूं। "
हाथी की इस तरह घमंड भरी बातें सुनकर चीटियों को बहुत गुस्सा आया। उनमें से एक चींटी बोली - " अरे हाथी तुम हमें क्या घमंड दिखा रहे हो । जैसे तुम्हारे सामने हम कुछ नहीं उसी तरह इस पहाड़ के सामने तुम भी कुछ नहीं हो। "
चींटी की बात सुनकर हाथी और अधिक आग बबूला हो गया । हाथी बोला मैं चाहूं तो इस पहाड़ को भी अपनी ताकत से हिला सकता हूं और इतना कहकर हाथी जोर-जोर से गुफा के अंदर पैर पटकने लगा ।
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घमण्डी हाथी और चींटी की कहानी |
हाथी के पैर पटकने से गुफा के सामने एक बहुत बड़ा पत्थर आकर गिर गया और गुफा का गेट बंद हो गया। चींटी हाथी से बोली - " अरे हाथी ! तुमने यह क्या किया अब तो गुफा का गेट ही बंद हो गया । हम गुफा के बाहर कैसे जाएंगे । "
हाथी बोला- " अरे तुम ने मेरी ताकत देखी । मैंने अपनी ताकत से कितना बड़ा पत्थर इस पहाड़ से नीचे गिरा दिया । तुम घबराओ नहीं मैं इस पत्थर को अभी हटा देता हूं और हम यहां से बाहर निकल जाएंगे। "
हाथी ने पत्थर को हटाने का बहुत अधिक प्रयास किया किंतु पत्थर बहुत अधिक भारी था और वह हाथी से नहीं हटा ।
तभी चीटियां बोली - " देखा तुम्हें अपनी ताकत का बहुत घमंड था । लेकिन तुम इस पत्थर को यहां से नहीं हटा सके और हम तो बहुत छोटे से जीव हैं अगर हमें थोड़ी सी जगह भी मिली तो हम इस गुफा से बाहर चले जाएंगे।"
इतना कहकर चीटियां एक बहुत ही छोटी सी जगह से गुफा से बाहर निकल गई। इधर हाथी को अपनी गलती का बहुत अधिक पछतावा था ।"
गुफा से बाहर जाकर चीटियों ने हाथी के परिवार वालों और उसके दोस्तों को सारी बात बतलाई । हाथी के परिवार वाले और उसके दोस्त गुफा के पास आए और सभी ने मिलकर गुफा के बाहर गिरे पत्थर को वहां से हटा दिया ।इस प्रकार हाथी गुफा से बाहर आ गया।
हाथी को अपनी गलती का बहुत पछतावा था और उसने सभी चीटियां से अपनी बदतमीजी के लिए माफी मांगी। इसके बाद हाथी ने दोबारा जंगल के किसी जीव को परेशान नहीं किया।
शिक्षा - " इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि हमें कभी भी अपनी ताकत का घमंड नहीं दिखाना चाहिए। "
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