nevla aur bachcha hindi kahani , Weasel and Childern Story in Hindi

नेवला और बच्चे की कहानी | Weasel and Childern Story in Hindi  -

  एक समय की बात है एक गांव में एक किसान रहता था उसके घर में उसकी पत्नी  और उनका एक छोटा सा बालक रहते थे , दोनों  पति –पत्नि अपने पुत्र के साथ बहुत  खुश रहते थे किसान दिन भर अपने खेत में काम करता था और पत्नी अपने घर का काम करती थी | एक दिन किसान शाम को  खेत से अपने घर लौट रहा था तभी उसे रास्ते  में एक नेवले का छोटा सा बच्चा मिला  जो अकेला भटक रहा था| जिसे देखकर किसान के मन में दया आ गई और  उसने उस छोटे से  बच्चें को उठाकर अपने घर ले आया जब वह अपने घर पहुंचा तो नेवले के बच्चे  को देखकर उसकी पत्नि बहुत नाराज हुई  और कहने लगी कि तुमने इस जानवर के बच्चे को क्यों लेकर आये हो ? इसे वापस जंगल में छोड़ दो यह मेरे बेटे को हानि पहुंचा देगा  

लेकिन किसान बड़ा ही दयालु स्वभाव का व्यक्ति था | उसने अपनी पत्नि को अच्छी तरह समझाकर मना  लिया तो वह नेवले के बच्चे को घर पर रखने को तैयार हो गई | कुछ ही समय में नेवले का बच्चा उस परिवार से  हिलमिल गया और उनके छोटे बालक के साथ खूब खेलने –कूदने लगा |यह देखकर किसान बड़ा खुश होता किन्तु उसकी पत्नि को हमेशा शंका बनी रहती थी की कहीं यह मेरे बालक को क्षति न पंहुचा दे |

कुछ समय बीतने के बाद एक दिन किसान अपने खेत पर गया हुआ था और उसकी पत्नि अपने बालक को और नेवले के बच्चे को  घर पर छोड़कर गाँव के कुंए पर  पानी भरने के लिए चली गई | इसी बीच कहीं से एक सर्प  उसके घर में आ गया ,नेवले का बच्चा जो अब बड़ा हो चुका था उसने सर्प को देखकर सोचा कि  यह मेरे दोस्त को काट लेगा ऐसा सोचकर उसने उस सर्प पर हमला कर दिया उन दोनों की काफी देर तक लड़ाई हुई  आखिर में नेवले ने सर्प को मर डाला और उसके टुकड़े-टुकड़े कर दिए |इस लड़ाई में नेवले के  मुंह में सर्प का खून लिपट गया था  |

 थोड़ी देर बाद किसान की पत्नि पानी का घड़ा लेकर अपने घर पहुंची  तो नेवला दौड़कर उसके करीब पहुँच गया जैसे  की वह उसे कुछ बताना चाह  रहा हो किन्तु किसान की पत्नि ने नेवले के  मुंह में खून लिपटा देखकर यह सोच लिया की इसने मेरे बच्चे को मार दिया है | उसने अपने सर पर रखे घड़े को उठाकर नेवले के ऊपर पटक दिया  जिससे नेवला वहीं मर गया | जब वह घर के अन्दर गई तो देखती है की उसका बालक तो सही सलामत पालने में खेल रहा है और उससे कुछ दूरी पर एक सर्प मारा हुआ पड़ा  है| यह देखकर वह सबकुछ समझ गई और नेवले के लिए रो रो कर बहुत पछताने लगी i

जब किसान घर लौटा तो पत्नि ने  रो-रो कर सब कुछ बता दिया  जिसे सुनकर किसान ने अपनी पत्नि को बहुत डाटा और समझाया कि  किसी भी कार्य को करने से पहले अच्छी तरह सोच और समझ लेना चाहिए | लेकिन अब कुछ नहीं हो सकता था क्योंकि वफादार नेवला मर चुका था | इसलिए कोई भी कार्य करने के पहले उसके परिणाम के बारे में अच्छी तरह सोच समझ लेना चाहिए |

शिक्षा - नेवला और बच्चे  की कहानी से  हमें शिक्षा मिलती है कि  कोई भी कार्य बिना सोचे बिचारे नहीं करना चाहिए |