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Anpadh Budhiman


अनपढ़ बुद्धिमान - चार ब्राम्हण और शेर की कहानी  | Anpad Budhiman -  Bramhan aur Sher ki kahani -


एक नगर में एक ब्राम्हण रहता था | उस ब्राम्हण के चार बेटे थे , उनमें से तीन तो खूब पढ़े लिखे थे किन्तु चौथा एकदम अनपढ़ था , उसका नाम बुद्धराम था सभी भाइयों में आपस में बड़ी घनिष्ता थी |

एक बार ब्राम्हण पुत्रों ने सोचा कि हम इतने पढ़े-लिखे हैं और हमारे घर में बहुत दरिद्रता है , हमारे इतना पढ़ने लिखने का क्या लाभ अगर इससे धन नहीं कमाया | यह सोचकर चारों भाई धन कमाने के लिए घर से एक बड़े शहर की तरफ चल दिए | चलते -चलते एक जंगल में उन्हें शेर कि हड्डियाँ पडी हुई दिखीं | ब्राम्हण पुत्रों में से एक पढ़े लिखे ने कहा- " आज अपनी विद्या को परखने का अच्छा अवसर है आओ आज हम इस मरे हुए शेर को जीवित करते हैं | "

उसके दोनों पढ़े लिखे भाइयों को भी यह बात पसंद आ गई वह भी सोचने लगे अपनी विद्या को परखने का इससे अच्छा अवसर नहीं मिलेगा | पहले भाई ने बिखरी हुई हड्डियों को एकत्र कर मन्त्रों द्वारा शेर का ढांचा तैयार कर दिया इसके बाद दूसरे भाई ने अपनी विद्या द्वारा हड्डियों में मांस भरकर खून का संचार तैयार कर दिया और उसके ऊपर चमड़ी का आबरण चढ़ा दिया | अब सिर्फ उस मृत शेर की देह में प्राण डालना बांकी रह गया था | यह सब चौथा अनपढ़ ब्राम्हण पुत्र बुद्धुराम हैरान होकर देख रहा था | जब तीसरे ने प्राण डालने के लिए मन्त्र पढना शुरू करने वाला था तो बुद्धुराम बोला - " भाइयो इस मृत शेर के शरीर में प्राण मत डालो , अगर यह शेर जीवित हो गया तो हम सबको मार डालेगा |

तीनो विद्वान ब्राम्हण पुत्र अनपढ़ बुद्धुराम की हंसी उड़ाने लगे और कहने लगे - " तुम पढ़े लिखे तो हो नहीं | तुम्हारे कहने से हम अपनी विद्या को बेकार नहीं कर सकते | "

बुद्धराम के बार-बार कहने पर भी उसकी बातों को नजर अंदाज कर तीसरे ने मन्त्र पढना शुरू कर दिया | बुद्धराम समझ गया अब ये किसी की बात नहीं सुनेगें | बुद्धराम बोला भाई यह शेर जीवित हो उससे पहले हमें पेड़ पर चढ़ जाना चाहिए | पर उसकी बात किसी ने नहीं मानी, बुद्धराम जाकर एक ऊँचे पेड़ पर चढ़ गया और पेड़ के ऊपर से ही सारा नजारा देखने लगा | इधर तीसरे विद्वान ने शेर को जीवित कर दिया | शेर जीवित हो उठा और गरजता हुआ उन तीनो के ऊपर टूट पड़ा पल भर में उसने तीनो को मार डाला | जब शेर जंगल की तरफ चला गया तब बुद्धुराम पेड़ से नीचे उतरकर अपने घर वापस आ गया | फिर उसने गाँव में सबको इस घटना के बारे में बताया |

शिक्षा - " अनपढ़ बुद्धिमान (चार ब्राम्हण  और शेर ) की कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि पढ़े लिखे नासमझ और अनुभवहीन व्यक्ति से अनपढ़ और अनुभवी समझदार व्यक्ति ज्यादा अच्छा होता है |"