Chand wali Amma
Chand wali Amma

चाँद वाली अम्मा | Chand wali Amma -

बहुत पुरानी  बात है एक बूढी अम्मा थी | उसके घर में कोई नहीं था और वह घर में अकेली रहती थी | घर के सारे काम जैसे पानी भरना, खाना बनना और झाड़ू पोंछा वह खुद ही करती थी | बूढी अम्मा  जब भी अपने आंगन में झाड़ू लगाती तब आसमान नीचे आता और बूढी अम्मा को धक्का मार देता था | बूढी अम्मा जब उसे पकडती तो वह ऊपर उठ जाता था इस प्रकार दोनों में हंसी मजाक और आँख मिचोली चलती रहती थी |

एक बार  बूढी अम्मा पानी भरने गई वहां कुछ औरतों से उसका विवाद हो गया | पानी भरने के बाद अम्मा घर आ गई और झाड़ू लगाने लगी , तभी आसमान ने उनकी कमर में धक्का मारा | बूढी अम्मा पहले से ही गुस्से मी थी उसने गुस्से में आसमान को मारने के लिए झाड़ू उठाई तो आसमान हट गया | अम्मा फिर झाड़ू लगाने लगी आसमान को फिर सर्रारत सूझी और उसने फिर अम्मा को धक्का मार दिया अम्मा ने आसमान को जोर से झाड़ू मार दी तो आसमान ने भी अम्मा की झाड़ू पकड़ ली | बूढी अम्मा ने झाड़ू छुड़ाने का बहुत प्रयत्न किया किन्तु आसमान ने झाड़ू नहीं छोड़ी | बूढी अम्मा ने ठान लिया की अगर आसमान झाड़ू नहीं छोड़ेगा तो मैं भी नहीं छोडूंगी | झाड़ू को लेकर दोनों में खींचतान होने लगी परन्तु किसी ने भी झाड़ू नहीं छोड़ी | आसमान में सोचा आज अम्मा को आसमान की सैर करवा देता हूँ और आसमान ऊपर उठ गया | आसमान के सांथ-सांथ झाड़ू को पकडे हुए बूढी मम्मा भी ऊपर उठने लगी | दोनो ऊपर उठते हुए चाँद के पास पहुँच गए | बूढी अम्मा ने सोचा –“ पता नहीं आसमान मुझे कितने ऊपर ले जायेगा ,क्यूँ ना मैं चाँद पर ही उतर कर आराम कर लूँ ”?


Chand wali Amma
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 इतना सोचकर बूढी अम्मा ने अपना एक पैर चाँद पर रखा और उस पर उतर गई | अब बूढी अम्मा को और अधिक परेशान नहीं करना चाहिए इसीलिए उसने झाड़ू छोड़ दी और ऊपर चला गया | बूढी अम्मा बहुत थक गई थी और झाड़ू लेकर चाँद पर बैठ गई |

माना जाता है तभी से बूढी अम्मा झाड़ू लेकर चाँद पर बैठी है और आज भी चाँद पर देखने पर हाँथ में झाड़ू लेकर बैठी हुई बूढी अम्मा की आकृति चाँद पर दिखलाई देती है |

नोट – चाँद और बूढी अम्मा की कहानी जनश्रुति पर आधारित है जो बचपन में बच्चों को सुनाई जाती हैं सांथ की चाँद और अम्मा कहानी NCERT कक्षा तृतीय में भी पढाई जाती है |