Gadha aur hoda ki kahani
गधा और घोडा की कहानी 

गधा और घोड़े की कहानी | Gadha aur ghoda ki kahani -

एक समय की बात है एक गांव में एक व्यापारी रहता था उसके पास एक गधा था। वह जब भी व्यापार करने जाता तो अपना सारा सामान गधे पर लादकर खुद पैदल जाता था। व्यापारी को धीरे-धीरे व्यापार से अच्छा लाभ होने लगा तो उसने सोचा कि क्यों ना एक घोड़ा खरीद लूं फिर मैं गधे पर सामान लाद लिया करूंगा और खुद घोड़े पर जाया करूंगा इससे समाज में भी मेरा मान सम्मान बढ़ जाएगा।

 व्यापारी बाजार गया और वहां से एक महंगा सा घोड़ा खरीद लिया। घोड़ा बहुत ही हष्ट पुष्ट और फुर्तीला था। व्यापारी ने घोड़े के को बांधने के लिए एक अस्तबल बनवाया और उसी में गधे को भी बांध दिया करता था। वह घोड़े को अच्छा खाना देता और गधे को बचा खुचा खाना देता था जिससे गधा बहुत कमजोर हो गया था। व्यापारी जब भी व्यापार करने जाता तो गधे पर अपना सामान रख लेता और खुद घोड़े पर बैठकर जाता था।

 घोड़े को मिल रही सुविधाओं के कारण घोड़ा अपने आप को गधे की तुलना में बहुत ही बड़ा समझने लगा और वह गधे को कभी भी महत्व नहीं देता था। घोड़ा अपने सभी कार्य तो गधे से करवा लिया करता था किंतु वह गधे का कोई भी काम नहीं करता था। 

Gadha aur ghoda ki kahani
Gadha aur Ghoda k kahani 


एक बार व्यापारी व्यापार करके लौट रहा था लौटते समय रास्ते में नदी पड़ती थी और रास्ता बहुत उबड़ खाबड़ और पथरीला था । सामान का बोझ अधिक होने के कारण गधे से चला नहीं जा रहा था और उसे लग रहा था शायद यह उसके जीवन का आखिरी सफर है। अपने आप को अत्यधिक कठिनाई में देखकर गधा घोड़े से बोला भाई आज अधिक वजन होने के कारण और रास्ता खराब होने के कारण मुझसे चला नहीं जा रहा है आप तो इतने हष्ट पुष्ट हैं कृपया मेरा कुछ सामान आप रख लीजिए जिससे मेरा बोझ कम हो जाएगा और मैं आसानी से चल पाऊंगा।

 गधे के मुंह से इस तरह की बात सुनकर घोड़ा उस पर अत्यधिक क्रोधित हुआ और बोला मैंने कभी बोझ उठाया है जो आज उठाऊंगा। जो तेरा काम है वह तू कर मैं तो सिर्फ सेठ को अपनी पीठ पर बैठा कर ले जाता हूं।

घोड़े की बात सुनकर गधे को अत्यधिक निराशा हुई और वह जैसे तैसे रास्ते पर आगे बढ़ने लगा तभी एक गड्ढे में उसका पैर फंस जाने के कारण गधे की टांग टूट गई और सारा सामान जमीन पर गिर गया। गधे से अब उठा भी नहीं जा रहा था। 

व्यापारी ने देखा कि गधे की टांग टूट गई है तो वह घोड़े से उतर कर गधे के पास आया और गधे के सारे सामान को घोड़े के ऊपर लाद दिया साथ ही गधे को भी घोड़े पर ही बैठा दिया। अब घोड़े की हालत खराब हो चुकी थी और उसका घमंड भी चकनाचूर हो गया था। 

घोडा और गधा की कहानी
घोडा और गधा की कहानी 

घोड़ा सोचने लगा कि काश मैंने गधे की मदद की होती तो ना तो उसका पैर टूटता और ना ही मुझे आज यह दिन देखना पड़ता। 

शिक्षा- गधा और घोड़े की कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि हमें सदैव दूसरों की मदद करना चाहिए अन्यथा मुसीबत में हमारी भी कोई मदद नहीं करेगा।
    
 यह् कहनी youtube  पर् भी  उपलब्ध  है -   https://youtu.be/U_RtRrnofE8