tedi kheer hona muhavare ki kahani
टेढ़ी खीर होना कहानी 


टेढ़ी खीर होना | Tedi Kheer Hona -


टेढ़ी खीर होना हिंदी का एक बहुत ही प्रसिद्ध मुहावरा है । टेडी खीर होना इस मुहावरे का प्रयोग हम अक्सर अपने दैनिक कार्यों में करते हैं। टेढ़ी खीर होना मुहावरे काअर्थ होता है कि बहुत मुश्किल कार्य होना अर्थात जब कोई कार्य करने में बहुत कठिनाई आ रही हो तब इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।

टेढ़ी खीर होना कहानी | Tedi Kheer Hona Kahani -


टेढ़ी खीर होना मुहावरे से जुडी कहानी कुछ इस प्रकार है - बहुत समय पहले की बात है दो दोस्त थे उनमें से एक दोस्त लंगड़ा था और दूसरा दोस्त अंधा था। दोनों दोस्त बहुत गरीब थे। दोनों मित्र प्रतिदिन शाम के समय मिला करते थे और एक दूसरे के सांथ सुख-दुख को साझा किया करते थे । एक बार लंगड़े दोस्त के घर में खीर बनी। लंगड़े व्यक्ति को खीर बहुत अच्छी लगी और शाम को जब वह अपने अंधे मित्र से मिला तो उससे बोला - " भाई आज मैंने खीर खाई है खीर बहुत ही स्वादिष्ट थी खाकर मुझे ऐसा लगा मानो स्वर्ग की अनुभूति हो गई हो।"

अंधे व्यक्ति ने पहले कभी खीर नहीं खाई थी ना ही खीर के बारे में सुना था । लंगड़े व्यक्ति की बात सुनकर अंधे व्यक्ति के मन में भी खीर को जानने की इच्छा हुई। अंधे व्यक्ति ने लंगड़े से पूछा - " भाई यह खीर क्या होती है।" लंगड़े व्यक्ति ने उत्तर में अंधे से ही पूछा-" क्या तुमने कभी खीर नहीं खाई है?

अंधे व्यक्ति ने बतलाया कि उसने पहले कभी खीर नहीं खाई है ना ही खीर के बारे में सुना है । अंधे व्यक्ति की बात सुनकर लंगड़ा व्यक्ति बोला- " भाई खीर सफेद होती है, मीठी होती है, मुलायम होती है और बहुत ही स्वादिष्ट होती है ।

लंगड़े की बात सुनकर गूंगा फिर पूछता है- " यह सफेद रंग कैसा होता है ? लंगड़े ने बतलाया कि दूध सफेद होता है दांत भी सफेद रंग के होते हैं । अंधे को यह कुछ समझ में नहीं आ रहा था और वह लगातार लंगड़े से प्रश्न किये जा रहा था। नेत्रहीन व्यक्ति को समझाना अब लंगड़े व्यक्ति के लिए टेढ़ी खीर बन चुकी थी। वह सोच रहा था की इसे मैं कैसे समझाऊं, तभी उसे एक सफेद बगुला दिखाई दिया । लंगड़ा उस बगुले को पकड़कर अंधे व्यक्ति के पास ले आया और उसके हाथों में रखते हुए बोला- " इस बगुले की तरह खीर भी सफेद और मुलायम होती है।"

अंधे व्यक्ति ने अपने पास रखे हुए बगुले पर हाथ फेरा उसे बगुला बहुत ही नरम महसूस हुआ, वह कभी बगुले के ऊपर हाथ फेरता कभी उसके दांये-बांये छूकर देखता था । उसे बगल टेढ़ा-मेधा समझ में आ रहा था तभी अंधा व्यक्ति मुस्कुरा कर बोला- " अच्छा तो तुम्हारी खीर इस तरह टेढ़ी-मेढ़ी होती है। "

लंगड़ा व्यक्ति अंधे को संतुष्ट कर बहुत प्रसन्न हुआ और बोला हां खीर टेढ़ी होती है तभी से किसी मुश्किल कार्य करने के लिए टेड़ी खीर होना कहावत प्रचलित हो गई है ।