Sher aur Hathi ki kahani , Lion and elephant story in hindi
Sher aur Hathi ki kahani 

(1)  शेर और हाथी की कहानी | Lion and  Elephant Story In Hindi -

बहुत समय पहले की बात है नन्दन वन में एक हाथी रहता था | हाथी बहुत विशाल था परन्तु दिल का बहुत अच्छा था | जंगल के सारे जानवर हाथी को बहुत प्यार करते थे | जब भी किसी भी जानवर के ऊपर कुछ मुसीबत आती थी तब हाथी उसे मुसीबत से बाहर निकालने में सहायता करता था ||

एक बार जंगल में कहीं से एक खूंखार शेर आ गया उसने आते ही अपने आप को जंगल का राजा घोषित कर लिया | शेर बहुत ही दुष्ट था और बिना कारण के ही जंगल के सारे जानवरों को परेशान करता रहता था | शेर को जो भी जानवर मिलता शेर उसका  शिकार कर लेता था , चाहे उसे भूख लगी हो या ना लगी हो | वह मारे गए जानवरों में से कुछ को खाता बाकी को बिना खाये ही  फेंक देता था | शेर की इन हरकतों के कारण जंगल के जानवर बहुत दुखी और डरे हुए थे | वे किसी भी तरह शेर को सबक सिखाना चाहते थे , परन्तु उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें ?  एक दिन जंगल के सारे जानवरों में मीटिंग बुलाई मीटिंग में चीता, भेड़िया , लोमड़ी , भालू , हिरन , लोमड़ी , बन्दर और जंगल के बहुत सभी जानवर शामिल  हुए | मीटिंग में बहुत से उपाय सोचे गए परन्तु किसी भी बात पर सर्वसम्मति नहीं बनी |

अंत में एक बुजुर्ग भालू बोला- “ भाइयो ! इस तरह तो हम कुछ नहीं कर सकते क्यूँ ना हम हाथी के पास चलें और हाथी को सारी बात बतलाते है | हो सकता है वो हमें इस मुसीबत से बाहर निकाल ले |”

जानवरों को बुजुर्ग भालू की बात अच्छी लगी और सारे जानवर हाथी के पास पहुँच गए और सभी ने  हाथी को अपनी समस्या बतलाई | जंगल के सारे जानवरों  की समस्या सुनकर हाथी बोला- “ ये तो बहुत गलत बात है, शेर को  बिना कारण के जानवरों का  शिकार नहीं करना चाहिए | इस तरह तो जंगल के सारे जानवर ख़त्म हो जायेंगे | मैं शेर से इस विषय में बात करूँगा |”

दुसरे ही दिन हाथी शेर के पास गया और शेर से बोला  – " शेर महाराज ! आप तो जंगल के राजा हैं और सारे जानवर आपकी प्रजा है | आप जिस तरह बिना किसी कारण के अंधाधुंध तरीके से जानवरों का शिकार कर रहे हैं ऐसे तो जंगल के सारे जानवर ही ख़त्म हो जायेंगें फिर आप अपना पेट कैसे भरेंगे | “

हाथी की बात सुनकर शेर को गुस्सा आ गया और शेर बोला –“ अरे मोटे हाथी ! तू जानता भी है मैं कौन हूँ |तू इन सब डरपोक जानवरों का मुखिया बन कर इधर आया हिया और तू मुझे सिखा रहा है  कि मुझे क्या करना चाहिए , क्या नहीं करना चाहिए  | चल भाग जा नहीं तो मैं अभी तुझे भी मार डालूँगा |”

हाथी ने शेर को समझाने का बहुत प्रयास किया परन्तु वह नहीं माना और हाथी को बुरा भला कहने लगा धीरे-धीरे हाथी और शेर में विवाद होने लगा |

Sher aur Hathi ki kahani , Lion and elephant  story in hindi
 Hathi aur Sher ki kahani 


शेर की  धमकी भरी बातें  सुनकर हाथी को भी गुस्सा आ गया हाथी शेर से बोला- “ चल शेर आ जा मैदान में | आज दो-दो हाँथ हो ही जायें देखते हैं कौन जीतता है ? अगर तू जीता तो मैं जिन्दगी भर तेरी गुलामी करूँगा और अगर मै  जीता तो तुझे ये जंगल छोड़ कर जाना होगा | "

शेर ने हाथी की चुनौती स्वीकार कर ली | शेर और हाथी में घमासान लड़ाई हुई | जंगल के सारे जानवर लड़ाई देख रहे थे | शेर और हाथी दोनों पूरी ताकत से लड़ रहे थे किसी  को समझ नहीं आ रहा था कि  कौन जीतेगा |तभी शेर ने एक ऊँची छलांग लगाई  और हाथी  के ऊपर जा बैठा | यह देख हाथी को गुस्सा आया और उसने अपनी सूंड से हाथी को पकड़कर नीचे पटक दिया और पैरों से दबाकर बहुत मारा | इस तरह पिटाई खाकर शेर अधमरा हो गया और हाथी से माफ़ी मांगते हुए बोला-“ हाथी भाई ! मुझे मत मारों,  मैं अपनी हार मानता हूँ | मुझे समझ आ गया की जब चोट लगती है तो कितना दर्द होता है | अब मैं किसी भी जानवर को बिना कारण के परेशान नहीं करूँगा | मैं यह जंगल छोड़ कर चला जाऊंगा |”

इस प्रकार लड़ाई में हाथी जीत गया और शेर हार गया | हारने के बाद शेर जंगल छोड़ कर चला गया | जंगल के सारे जानवर बहुत खुश हुए और सभी ने हाथी को धन्यवाद दिया | सभी ने मिलकर हाथी से कहा - " हाथी जी ! आपने इस खूंखार शेर से सभी जानवरों की रक्षा की है हम सब मिलकर आपको जंगल का नया राजा बनाना चाहते हैं |"

हाथी ने कहा - " भाइयो ! मैं जंगल का राजा नहीं बनना चाहता | मुझे राजा बनने की कोई इच्छा नहीं है |" परन्तु जंगल के जानवर नहीं माने  और सभी ने मिलकर हाथी को जंगल  का नया राजा बना दिया |
इस प्रकार उस दयालु हाथी के राज में सभी जानवर बहुत सुखपूर्वक रहने लगे | 

शिक्षा- “ शेर और हाथी की कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि कभी भी अपनी शक्ति का दुरूपयोग कर कमजोर को परेशान नहीं करना चाहिए | “

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Sher aur Hathi ki kahani 

 (2) हाथी और शेर की कहानी | Lion and  Elephant Story In Hindi -

 बहुत समय पहले की बात है एक जंगल था उस जंगल में बहुत सारे जंगली जानवर रहते थे  | जंगल में तरह-तरह के फल-फूल पाए जाते थे जिन्हें खाकर जानवर अपनी भूख मिटाते थे | जंगल में कई-छोटे बड़े तालाब थे इन्ही तालाबों से जंगली जानवर पानी पीते थे  |

एक बार जंगल में अकाल पड़ा | वर्षा ना होने से छोटे-छोटे तालाब सूख गए | अब सिर्फ एक बड़ा तालाब बचा  था जिसमें पानी था | जंगल के सारे जानवर इसी तालाब में पानी पीने आते थे |

धीरे-धीरे जानवरों में पानी पीने की बात को लेकर आपस में लड़ाईयां होने लगी |  एक दिन की बात है एक बड़ा सा मदमस्त हाथी अपनी मस्तानी चाल से पानी पीने चला आ रहा था ठीक उसी समय शेर भी पानी पीने आ गया |  जंगल के सारे जानवर शेर को देख कर भाग गए परन्तु हाथी को जोरों की प्यास लगी थी तो वह नहीं रुका  और पानी पीने लगा |  शेर को हाथी का यह व्यवहार अच्छा नहीं लगा |

शेर नाराज होकर हाथी से बोला- “ अरे हाथी ! क्या तुम्हें दिख नहीं रहा है मैं भी पानी पीने आया हूँ और तुम मुझसे पहले पानी पीने लगे हो | तुम पीछे हटो पहले मुझे पानी पीने दो |

हाथी को भी जोरों की प्यास लगी थी | हाथी नाराज होते हुए बोला – “ अरे शेर ! अपनी हेकड़ी किसी दूसरे जानवर को दिखाना | मैं यहाँ पहले आया हूँ और मै ही पहले पानी पियूँगा |”

शेर और हाथी में बातों ही बातों में तू-तू मैं-मैं होने लगी और फिर दोनों में लड़ाई शुरू हो गई | कभी शेर हाथी के शरीर में अपने पंजे और दांत गडाता तो कभी हाथी अपनी सूंड से शेर को पटक-पटक कर मरता | शेर और हाथी दोनों के शरीर से खून बह रहा था और दोनों बहुत ज्यादा थक गए थे |

Hathi aur Sher Ki Kahani , Lion and Tigher story in hindi
Hathi aur Sher Ki Kahani 

तभी दोनों ने देखा कि तालाब के पास बहुत सारे लकड़बग्घे आ गए हैं और आसमान में गिद्ध मंडराने लगे हैं | शेर और हाथी दोनों समझा गए कि ये सभी हमारे मरने का इन्तजार कर रहे है ताकि अपना पेट भर सकें | दोनों जानते थे कि अगर इसी तरह लड़ी चली तो एक न एक जरुर मारा जायेगा और जो बचेगा वो इतना थक जायेगा की इन सबका सामना अकेला नहीं कर पायेगा और ये उसे भी मारकर खा जायेंगें | शेर और हाथी ने एक दूसरे को देखा और दोनों एक दूसरे का इशारा समझा गए | दोनों ने लड़ाई रोक दी और सांथ मिलकर पानी पीया और अपनी थकान मिटाई |

लकड़बग्घे देखते ही रह गए और दोनों का कुछ नही बिगड़ पाए | इस प्रकार हाथी और शेर ने समझदारी से अपनी जान बचाई और आपस में दोस्ती कर ली |

शिक्षा – हाथी और शेर की इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि दो लोगों की लड़ाई का फायदा कोई और उठाता है इसीलिए छोटे-मोटे बैर भाव भूलकर आपस में मिलकर रहना चाहिए |”

 

(3) शेर और हाथी की कहानी | Sher aur hathi ki kahani -

एक समय की बात है एक जंगल में एक शेर रहता था। एक दिन शेर ने बहुत मेहनत करके शिकार किया और वह बड़े ही मजे से शिकार का आनंद ले रहा था तभी शिकार की हड्डी शेर के गले में फंस गई। शेर ने हड्डी को निकालने का बहुत प्रयास किया किंतु हड्डी उसके गले से नहीं निकली।
 
अब शेर के गले में बहुत दर्द हो रहा था वह किसी भी तरह अपने गले से हड्डी निकालना चाहता था। शेर ने आसपास देखा कि कोई जानवर मिल जाए जो उसके गले से हड्डी निकाल दे। तभी शेर को एक बंदर दिखलाई दिया शेर बंदर के पास गया और बोला - " मित्र मेरे गले में हड्डी फंस गई है और मैं इसे निकाल पाने में असमर्थ हूं क्या तुम मेरे गले से हड्डी निकाल सकते हो ? "

शेर को देखकर बन्दर डर गया और शेर की बात सुनकर बंदर बोला - " नहीं नहीं ! मैं तुम्हारे गले से हड्डी नहीं निकाल सकता क्योंकि मुझे पता है कि मैं जैसे ही तुम्हारे गली से हड्डी निकालूँगातुम मुझे खा जाओगे।"

Sher aur hathi ki kahani
Lion and Elephant story in hindi


 इतना बोलकर बंदर वहां से भाग गया। शेर दूसरे जानवर की तलाश में वहां से आगे चल दिया तभी शेर को एक हिरण मेला। शेर हिरण से बोला  - " मेरे गले में हड्डी फंस गई है क्या तुम ऐसे निकाल दोगे "
हिरण भी शेर को देखकर डर गया और बगैर कुछ बोले ही वहां से भाग गया। कुछ दूर और आगे चलने पर शेर को एक लोमड़ी मिली। शेर ने लोमड़ी से सहायता मांगते हुए कहा  - " बहन मेरे गले में हड्डी फंस गई है अगर इसे निकालने में तुम मेरी सहायता करोगी तो मैं तुम्हारा एहसान कभी नहीं भूलूंगा।"
 लोमड़ी बोली - " अगर मैंने तुम्हारी सहायता की तो अगली हड्डी मेरी होगी जो तुम्हारे गले में फंस सकती हैं इसलिए मैं तुम्हारी सहायता नहीं कर सकती। "
 इतना बोलकर लोमड़ी भी वहां से भाग गई। शेर को लगा कि अब शायद कोई उसकी मदद नहीं करेगा तभी शेर को एक हाथी दिखलाई दिया जो आम के पेड़ से आम तोड़ने का प्रयास कर रहा था किंतु पेड़ ऊंचा होने से हाथी  आम नहीं तोड़ पा रहा था। तभी शेर हाथी के पास गया और हाथी से बोला - " हाथी भाई- हाथी भाई ! तुम इतने बड़े और शक्तिशाली हो क्या तुम मेरी थोड़ी सी मदद कर सकते हो।"
 हाथी बोला - " मैं तुम्हारी क्या मदद कर सकता हूं।" शेर ने उत्तर दिया - " मेरे गले में हड्डी फंस गई है क्या तुम ऐसे निकाल सकते हो?"
 हाथी ने शेर के मुंह में अपनी सूंड डालकर  हड्डी को निकाल दिया । हड्डी निकलने से शेर को बड़ी राहत मिली और उसने हाथी का शुक्रिया अदा किया। शेर आम के पेड़ पर चढ़ गया और उसकी शाखाएं जोर-जोर से हिलाने लगा जिससे बहुत सारे आम गिर गए जिन्हें खाकर हाथी का पेट भी भर गया इस प्रकार हाथी और शेर ने एक दूसरे की मदद की जिसका फायदा दोनों को ही हुआ। 

शिक्षा-  " हाथी और शेर की कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि हमें हमेशा दूसरों की मदद करना चाहिए। "

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