तीन चोरों की कहानी-बुराई का अंत बुरा ही होता है | Three thieves short Story in Hindi -
तीन चोर थे | एक बार
उन्होंने बहुत ही धनवान व्यापारी के घर चोरी की | चोरी करने के बाद तीनों वहां से
भाग गये और जंगल में जाकर छुप गये | कुछ देर बाद तीनो चोरों को भूख लगी | तीनो ने
आस- पास देखा परन्तु खाने के लिये कुछ नहीं मिला | तीनो चोरों के मन में शहर जाकर खाना खाने का विचार आया | लेकिन अगर तीनो
चोरी का माल लेकर शहर जाते तो पकडे जाने
का डर था और अगर माल जंगल में छोड़ जाते तो माल के चोरी हो जाने का डर था | उन्होंने तय किया की तीनों में से एक चोर शहर
जाकर खाना लायेगा और शेष दो चोर चोरी के माल
के पास रहेंगें |
तीनो चोरों में से एक चोर
शहर गया और पेट भर खाना खाया | खाना खाने के बाद उसने दोनों चोरों के लिये खाना ले
जाने लगा तभी उसके मन में विचार आया कि अगर खाने में जहर मिला दिया जाये तो चोरी
का पूरा माल उसका होगा और वह पूरी जिंदगी शान से रहेगा | उस चोर ने चोर ने खाने
में जहर मिला दिया |
इधर दोनों चोरों ने तीसरे
चोर को ख़त्म करने के अलग योजना बना ली थी जिससे चोरी का माल उन दोनों चोरों का हो
जाये | जैसे ही तीसरा चोर खाना लाया , जंगल में बैठे दोनों चोरों ने उस पर हमला
बोल दिया और उसे तीसरे चोर को मार डाला | फिर उन दोनों चोरों ने पेट भर खाना खाया
| खाने में जहर होने के कारण दोनों चोर भी मर गए | इस तरह तीनो चोर मर गए और चोरी
का माल उनके काम नहीं आया |
शिक्षा- बुराई का अंत बुरा
ही होता है , बुरे लोगों से हमेशा दूर रहना चाहिये |
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Kabutar or sikari ki kahani
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