शेर की खाल में सियार | Sher ki Khal me Shiyar -


शेर की खाल में सियार
शेर की खाल में सियार 

 

एक दिन सियार जंगल में घूम रहा था तभी उसे किसी जानवर की खाल दिखलाई दी वह पास गया तो देखा यह तो शेर की खाल है, पहले तो सियार शेर की खाल देख कर डर गया । सियार को आदतन एक शरारत सूझी  उसने शेर की खाल उठाई और उसे ओढ़ लिया । शेर की खाल ओढ़ कर वह बहुत खुश था और अपने आप को ही शेर समझने लगा । 

उसने सोचा चलो आज जंगल में दूसरे जानवरों को डराया जाए वह उस स्थान पर गया जहां जंगल के सभी जानवर बैठे हुए थे । अपने नजदीक शेर की खाल में सियार को देखकर वह उसे सचमुच शेर समझ बैठे और वहां से भागने लगे। यह देखकर सियार नाचने लगा और सियार ने कुछ दूर तक उनका पीछा किया । यह सब करने में सियार को बहुत मजा आ रहा था वह सोच रहा था अब तो मेरे मौज हो गए मैं रोज इसी तरह जानवरों को डराऊंगा और वह मुझे सच में शेर समझकर मुझे डरेंगे और मेरा सम्मान करेंगे। 

Sher ki khal me Siyar
Sher ki khal me Siyar

 थोड़ी देर में जंगल में यह बात फैल गई की शेर तो पागल हो गया है या उसे पर किसी भूत प्रेत का साया पड़ गया है जो वह उटपटांग हरकतें कर रहा है वह नाचता है और जानवरों को अनावश्यक परेशान कर रहा है
। 

सियार रोज इसी तरह की हरकतें करता और जंगल के जानवरों का मजा लेता। एक दिन सियार लोमड़ी को डराने के लिए उसके पीछे पड़ गया । लोमड़ी डरकर भाग रही थी और सियार उसके पीछे था यह सब करके वह बहुत खुश था और अपनी खुशी व्यक्त करने के लिए आदतन जोर-जोर से " हुआ-हुआ" की आवाज निकालने लगा । 

सियार की "हुआ-हुआ" की आवाज सुनकर लोमड़ी वहीं रुक गई और सियार के पास जाकर बोली - "अच्छा तो यह तुम हो शियार जो शेर की खाल ओढ़ कर जंगल के सारे जानवरों को डरा रहे हो। रुको अब मैं जंगल के सारे जानवरों का बतलाऊँगी और वे सब तुम्हे सबक सिखायेंगे ।  तुमने सभी को बहुत परेशान किया है ।"

 अपनी पोल पट्टी खुलती हुई देख सियार बहुत डर गया और वहां से डर कर भागने लगा सियार को भागता हुआ देख लोमड़ी ने जोर-जोर से शोर मचा कर जंगल के सभी जानवरों को बतला दिया कि यह दरअसल शेर नहीं बल्कि सियार है जो शेर की खाल ओढ़ कर जंगल के जानवरों को डरा रहा है । 

जंगल के जानवरों ने सियार को घेर लिया और उसे इतना मारा की उसकी हड्डियाँ भी दर्द देने लगीं मार खाकर सियार को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने जंगल के सारे जानवरों से माफी मांग कर उनको विश्वास दिलाया कि वह भविष्य में दोबारा इस तरह की हरकत नहीं करेगा। 

शिक्षा- " इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि सच्चाई कभी नहीं छुपती और जो दूसरों को परेशान करता है उसको सजा अवश्य मिलती है।"