Pani me rahkar magarmacch se ber , sher aur magar ki kahani
शेर और मगरमच्छ की कहानी 

पानी में रहकर मगरमच्छ से बैर  |  Pani me Rahkar Magarmacch se Bair -


पानी में रहकर मगरमच्छ से बैर नहीं करना चाहिए यह कहावत हिंदी की एक महत्वपूर्ण का कहावत है जिसका अर्थ होता है की आश्रय दाता से कबी शत्रुता नहीं करनी चाहिए अर्थात हम जिंस व्यक्ति के अधीन कार्य कर रहे हैं अथवा जिंस व्यक्ति के आश्रय में रह रहे हैं उससे कभी भी बेर नहीं लेना चाहिए नहीं तो हमें हमेशा नुकसान ही उठाना पड़ेगा। पानी में रहकर मगरमच्छ से वेर से संबंधित एक मजेदार कहानी हम आपको बदला रहे हैं जो इस प्रकार है -

शेर और मगर की कहानी | Sher aur Magar ki Kahani -


एक जंगल में एक खतरनाक शेर रहता था। जंगल के सारे जानवर शेर से डरते थे क्योंकि जो भी शेर के रास्ते में आता था शेर उस को मार देता था। शेर जहाँ भी जाता सारे जानवर डरकर वहाँ से भाग जाते थे 
 

एक दिन शेर पानी पीने के लिए तालाब के पास आया  शेर ने  देखा कि  शेर जहाँ पानी पी रहा है उसी के पास एक मगरमच्छ बैठ कर आराम से  धूप सेंक रहा है । शेर को यह बात अच्छी नहीं लगी कि कोई उसके सामने इतना निर्भीक होकर आराम करे । शेर मगर से बोला- " क्यों रे मगरमच्छ ! तुझे दिखलाई नहीं देता क्या ?  यहाँ जंगल का राजा पानी पी रहा है और तू  मेरे पास में बैठ लेटा हुआ है और आराम से धूप सेंक रहा है। "

शेर की बात सुनकर मगरमच्छ बोला - " तुम होगे जंगल के राजा तो अपना रुतबा अपने पास रखो मैं भी पानी में रहने वाला इस तालाब का राजा हूँ।"

 मगरमच्छ की बात सुनकर शेर को गुस्सा आ गया और शेर ने मगरमच्छ पर हमला कर दिया । उस समय  मगरमच्छ जमीन पर था इसलिए शेर ने मगरमच्छ को बुरी तरह तरह से घायल कर दिया  और मगरम ने किसी तरह तालाब में घुसकर अपनी जान बचाई। शेर के द्वारा की गई इस बेइज्जती से मगरमच्छ को बहुत गुस्सा आया और मगरमच्छ भी किसी तरह शेर  से अपना बदला लेना चाहता था।

Sher aur magar ki kahani
पानी में मगरमच्छ से बैर 


एक दिन शेर को जंगल में किसी दूसरी  जगह पर जाना था जंगल के उस हिस्से तक जाने के लिए तालाब को पार करना पड़ता था। शेर बड़े ही आराम से तालाब पार कर रहा था तभी मगरमच्छ ने शेर  को देख लिया 
। मगर शेर से अपना बदला लेना चाहता था इसीलिए मगर ने शेर पर हमला कर दिया। इस बार लड़ाई पानी के अंदर थी इसीलिए मगरमच्छ ने शेर को बुरी तरह से घायल कर दिया ।शेर किसी भी तरह अपनी जान बचाना चाहता था। शेर तेजी से किनारे की तरफ बढ़ा और तालाब से निकलकर उसने अपनी जान बचाई किंतु इस लड़ाई में  शेर बुरी तरह से घायल हो गया था। शेर को भी समझ में आ गया था कि पानी में रहकर कभी भी मगरमच्छ से बेर नहीं करना चाहिए।

शिक्षा - शेर और मगर की कहानी से हमें शिक्षा मिलती है की पानी में रहकर कभी मगरमच्छ से बैर नहीं करना चाहिए अर्थात आश्रयदाता से कभी शत्रुता नहीं करना चाहिए 

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