खरगोश और चूहा की कहानी | Rabbit and Mouse story in hindi -
एक जंगल में एक खरगोश रहता था । उसी जंगल में एक चूहा भी रहता था । खरगोश के बिल के पास ही चूहे का बिल था दोनों बहुत अच्छे दोस्त हैं। दोनों दिन भर मौज मस्ती करते थे और कहीं भी जाते तो साथ में जाते थे।
खरगोश के परिवार वालों को यह दोस्ती पसंद नहीं थी । उन्होंने कई बार दोनों को सांथ रहने से माना किया फिर भी वह दोनों हमेशा साथ रहते थे । एक दिन जंगल में कुछ शिकारी आए और शिकारियों ने खरगोशों को जाल में फंसाने के लिए चारों तरफ अनाज बिखेर दिया।
खरगोश को यह पता नहीं था कि अनाज कहाँ से आया । अनाज को देखकर खरगोश के मुंह में पानी आ गया और वह अपने बिल से निकाल कर अनाज खाने लगा । अचानक खरगोश का पैर शिकारियों के फेंके हुए जाल में फंस गया। खरगोश ने जाल को काटने का बहुत प्रयास किया किंतु जाल बहुत मजबूत था और खरगोश जाल को नहीं काट सका।
चूहा प्रतिदिन की भांति अपने बिल में खरगोश का इंतजार कर रहा था किंतु बहुत समय हो जाने पर भी खरगोश चूहे के पास नहीं आया । चूहे ने सोचा कि क्यों ना आज मैं ही जाकर खरगोश से मिल लेता हूं ?
चूहा खरगोश से मिलने के लिए उसके पास गया और देखता है कि खरगोश शिकारियों के जाल में फंसा हुआ है और जाल से निकलने का प्रयास कर रहा है किंतु जाल से निकल नहीं पा रहा है। चूहा तत्काल खरगोश के पास पहुंचा और खरगोश से पूछा- " खरगोश भाई ! यह सब क्या है और तुम इसमें कैसे फंस गए ?"
खरगोश जवाब देता है - " मित्र ! यहां शिकारियों ने चारों तरफ अनाज फैलाया था । अनाज खाने के लालच में, मैं उनके जाल में फंस गया हूं और अब इस जाल को काटने का प्रयत्न कर रहा हूं किंतु जाल इतना मजबूत है कि मुझसे नहीं कट रहा है ।"
चूहा बोला - " तुम चिंता मत करो मै अपने पैने दांतों से अभी इस जाल को काट देता हूँ |" अपने पैने और नुकीले दांतों से चूहा जाल काट देता है ।"
इस प्रकार चूहा खरगोश को जाल से आजाद करा देता है। जैसे ही खरगोश आजाद होता है उसी समय शिकारी वहां आ जाते हैं । शिकारियों को देखकर खरगोश और चूहा दोनों वहां से भागकर खरगोश के बिल में चले जाते हैं।
बिल में पहुंचकर खरगोश अपने माता-पिता को यह बात बतलाता है। खरगोश के माता-पिता को अपनी गलती का एहसास होता है और वह खरगोश को चूहे से दोस्ती करने की अनुमति दे देते हैं।
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