Khoda Pahad Nikali Chuhiya muhavra kahani
खोदा पहाड़ निकली चुहिया कहानी 

खोदा पहाड़ निकली चुहिया | Khoda Pahad Nikali Chuhiya -
खोदा पहाड़ निकली चुहिया हिंदी की प्रसिद्ध कहावत है  जिसका अर्थ होता है अत्यधिक परिश्रम करने के बाद बहुत ही तुच्छ फल की प्राप्ति होना। जब भी कोई व्यक्ति अत्यधिक परिश्रम करता है तो वह उसी अनुपात में लाभ भी पाना चाहता है किन्तु जब परिश्रम की तुलना में  लाभ बहुत छोटा होता है  तब यह कहावत  चरितार्थ होती है। काफी पुराने समय से और  समय-समय पर इस कहावत/मुहावरे  का प्रयोग किया जाता रहा है। हम सभी भी इस मुहावरे का अपने दैनिक वार्तालाप में उपयोग करते हैं । खोदा पहाड़ निकली चुहिया कहावत/ मुहावरे से जुड़ी कुछ कहानियां भी प्रसिद्ध है जिनका वर्णन आगे किया गया है -

खोदा पहाड़ निकली चुहिया कहानी -1| Khoda Pahad Nikali Chuhiya story in hindi -

बहुत पुरानी बात है एक राजा था। एक बार राजा के दरबार में किसी देश की महारानी का संदेश आया ।सन्देश में राजा के लिए धमकी दी गई थी  कि या तो  हमारी अधीनता स्वीकार कर लो या युद्ध के लिए तैयार रहो । राजा के मंत्री ने जब राजा को यह इस पत्र के बारे में बतलाया तो राजा ने मंत्री से कहा- " मंत्री जी ! आप युद्ध की तैयारी करें | हम रानी की अधीनता कदापि स्वीकार नहीं करेंगे। "
राजा ने युद्ध की तैयारियां शुरू कर दी। जब युद्ध का समय निकट आया तब राजा को पता चला कि उसके अधिकांश सैनिक रानी की सेना में शामिल हो गए हैं  |  यह खबर  सुनकर  उसके पैरों तले जमीन खिसक गई |  राजा ने जब इस बात का पता लगाया कि यह सब कौन कर रहा है तो उसे पता चला कि पास ही की एक पहाड़ी के पास एक चूहा बैठा है और सैनिकों को दी जाने वाली तनख्वाह से तीन  गुना अधिक स्वर्ण मुद्राएं देकर सैनिकों को रानी की सेना में शामिल कर रहा है। राजा ने जब अपने स्वर्ण भंडार को देखा तो उसके स्वर्ण भंडार से स्वर्ण मुद्राएं गायब हो चुकी थी। राजा इस घटना से बहुत अधिक डर गया और और उसने रानी की अधीनता स्वीकार करने का निश्चय किया। राजा ने रानी का पता लगाने के लिए अपने मंत्रियों को आदेश दिया। राजा के मंत्री रानी का पता लगाने के लिए चारों दिशाओं में फैल गए किंतु उन्हें सिर्फ इतना ही पता चल सका कि वह रानी पास के बड़े पहाड़ में रहती है। मंत्रियों ने आसपास रानी का पता लगाने का प्रयास किया किंतु उसका कोई सफलता  नहीं मिली। तभी राजा ने घोषणा की कि जो भी रानी का पता लगाएगा उसके साथ राजकुमारी का विवाह कर दिया जाएगा। राजा की घोषणा सुनकर दूर देश का एक राजकुमार आया और उसने अपनी विशाल सेना के साथ पहाड़ी के पास डेरा डाल दिया | राजकुमार ने अपनी सेना को पहाड़ी की खुदाई करवाने का आदेश दिया। जैसे ही राजकुमार को पता चला कि पहाड़ी के पास एक चूहा सैनिकों की भर्ती कर रहा था तो उसने अपनी सेना वहां भेजी। सेना के घोड़ों की पैरों के नीचे आकर चूहे की मौत हो गई अब राजकुमार को रानी का पता देने वाला कोई नहीं था। राजकुमार ने अपने सैनिकों से पहाड़ को खोदने का आदेश दिया |  राजकुमार के आदेश पाते ही सैनिकों ने पूरी पहाड़ी खोद डाली पर राजकुमार को कुछ नहीं मिला। राजकुमार को जब यह पता चला कि राजा के महल से स्वर्ण मुद्राओं की चोरी हो गई तो उसने राजा के खजाने की तलाशी की ली | खजाने के पास राजकुमार को एक बिल मिला |  राजकुमार ने बिल की खुदाई करवाई तो काफी लम्बी खुदाई के बाद  उसे एक  स्थान पर स्वर्ण मुद्राओं का भंडार मिला जिसके पास एक चुहिया बैठी थी। राजकुमार समझ गया कि यही चुहिया  पहाड़ों की रानी है जिसने राज महल के खजाने से एक-एक करके स्वर्ण मुद्राएं चोरी की हैं | तभी राजकुमार के मुंह से निकल गया - " खोदा पहाड़ निकली चुहिया।"

Khoda pahad nikali chuhiya muhavra kahani
खोदा पहाड़ निकली चुहिया 

खोदा पहाड़ निकली चुहिया कहानी-2 | Khoda Pahad Nikali Chuhiya story in hindi-

बहुत पुरानी बात है चोरों का एक समूह  था वह एक पहाड़ी के पास बनी गुफा में रहता था। चोरों का गिरोह जब भी चोरी करके आता था तो चोरी के सामान को गुफा में छुपा देता था। गिरोह जब भी चोरी करने जाते तो एक चोर को गुफा की रखवाली के लिए छोड़ देते थे  हमेशा की तरह इस बार भी चोरों का गिरोह चोरी करने के लिए जब गया तो एक चोर को गुफा में छोड़ दिया। रात के समय जब चोर अकेला ही गुफा में था तब उसे गुफा के अंदर घुंघरू की आवाज सुनाई दी  चोर को किसी ने बताया था कि खजाने की रखवाली भूतों और शैतानों द्वारा की जाती है। चोर ने पहले से अपना वहम  माना और  सो गया  कुछ देर पश्चात फिर उसे कुछ आवाज आई चोर ने उठकर देखा उसे कोई दिखलाई नहीं दिया किन्तु चोर को रह रह कर घुंघरुओं की आवाज आ रही थी। चोर ने पूरी गुफा छान ली लेकिन उसे कोई  दिखलाई नहीं  दिया  वह बहुत घबरा गया और जब सुबह  चोरों का गिरोह आया तो उसने गिरोह को सारी बात बतलाई। सभी ने उसका बहुत मजाक बनाया किसी ने कहा कि वह भांग पीकर सोया होगा, किसी ने कहा कि वह सपने में यह सब देख रहा होगा। 
इस तरह अपनी बेज्जती होते देख उस चोर को काफी शर्मिंदगी महसूस हुई। दूसरे दिन चोरों का गिरोह जब चोरी के लिए निकला तो दूसरे चोर को रखवाली के लिए गुफा में छोड़ गया। दूसरा चोर भी जब पहरा दे रहा था तब उसे भी गुफा के अंदर से घुंघरुओं की आवाज आने लगी । चोर ने गुफा में बहुत ढूंढा लेकिन उसे कोई दिखाई नहीं दिया । उसे भी समझ नहीं आया कि यह आवाज कहां से आ रही है और वह भी काफी डर गया। 
चोरों का गिरोह जब वापस लौटा तब संकोच करते हुए उसने गिरोह को सारी बात बतलाई। चोरों को भी शक हुआ कि अवश्य कोई भूत अथवा पिशाच ने खजाने पर कब्जा कर लिया है । गिरोह के सभी चोरों ने निश्चय किया की अवश्य ही इस बात का पता लगाना चाहिए कि यह कौन है ? जिसके घुंघरू की आवाज रात में आती है।
गिरोह के सभी चोरों ने गुफा की खुदाई  शुरू कर दी  किंतु उन्हें गुफा में कुछ नहीं मिला । एक चोर को गुफा के पास एक बिल दिखलाई दिया उसने जब दिल के पास खुदाई करना शुरू किया तो बिल की खुदाई करते हुए अंत में उसे एक चुहिया दिखलाई दी  चुहिया के पैरों में कहीं से कोई घुंघरू टूट कर बंध गया था उसी घुंघरू की आवाज गुफा में आ रही थी। चुहिया को देखकर सभी को हंसी आ गई और सभी के मुंह से निकला - " खोदा पहाड़ निकली चुहिया
सभी से यह लोक कहावत प्रसिद्ध हो गई " खोदा पहाड़ निकली चुहिया। "

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